Whiplash Description in Hindi

02
Sep

Whiplash Description in Hindi

गर्दन की मोच ( विप्लेश) के लक्षण, कारण और उपचार क्या है?

गर्दन में मोच आने को मेडिकल भाषा में विप्लेश कहा जाता है। यह मोच तब आती है जब गर्दन को झटका लगता है। यह सामान्य दर्द या सामान्य मोच कही जा सकती है। लेकिन कुछ मामलों में यह गंभीर रूप ले लेती है। गर्दन कि यह समस्या सबसे अधिक कार या अन्य वाहन की टक्कर के दौरान होती है। खासतौर पर जब वाहन में पीछे से टक्कर लगती है।

गर्दन में मोच आने पर गर्दन में दर्द के साथ अकड़न, सिर दर्द, चक्कर आना और मांसपेशियों पर लिगामेंट का क्षतिग्रस्त होना शामिल है।

बीमारी के लक्षण -

गर्दन में मोच के लक्षण आमतौर पर दुर्घटना के कारण 24 घंटे के अंदर दिखाई देने लगते हैं। गर्दन में मोच आने पर सामान्य लक्षण गर्दन में दर्द और अकड़न होते हैं। इसके अन्य लक्षण इस प्रकार है -

  • गर्दन में सूजन।
  • गर्दन व कंधे के पिछले हिस्से को छूने पर दर्द।
  • गर्दन के पिछले और अगले हिस्से में मौजूद मांसपेशियों में ऐंठन।
  • गर्दन को हिलाने डुलाने में परेशानी होना।
  • जबड़े में अकड़न या चबाने में कठिनाई होना।
  • कंधे के पिछले हिस्से की मांसपेशियों में ऐंठन होना।
  • सोने में कठिनाई होना।

गंभीर मोच आने के लक्षण -

  • चक्कर आना।
  • ठीक से दिखाई ना देना।
  • कान बजना।
  • नसों से संबंधित समस्याएं।
  • याददाश्त संबंधित समस्याएं।
  • डिप्रेशन होना।
  • बार-बार नींद से उठना।
  • चिड़चिड़ापन होना।

बीमारी के कारण -

  • गर्दन में अचानक झटका लगने पर मांसपेशियां अकड़ जाती हैं।  जैसे कि तेज गति वाले झूले झूलना, साइकिल चलाते समय छोटे-मोटे चोट लगना, फिसलना या गिरना।
  • किसी एक्सीडेंट के समय लगे झटके से भी गर्दन में मोच आ जाती है और गंभीर रूप ले लेती है।
  • अधिक समय तक गर्दन को एक ही दिशा में मोड़े रखना जैसे कि फोन पर बात करने के दौरान मोबाइल को कंधे और गर्दन के बीच अटका कर रखना।
  • सिर पर कोई वस्तु गिर जाना, सिर में चोट लगना या हिंसात्मक गतिविधियों का होना।
  • ऐसे काम करना जिसमें की गर्दन की मांसपेशियां गतिशील ना रहती हो, ऐसी स्थिति में दुर्घटना होने पर शिथिल मांसपेशियां अचानक से स्ट्रेच होकर क्षतिग्रस्त हो जाती हैं।

गर्दन में मोच का परीक्षण -

  • गर्दन में मोच के परीक्षण के लिए डॉक्टर आपको एक्सरे करवाने के लिए कह सकते हैं। गर्दन में मोच किसी चोट की वजह से है या फिर गठिया जैसे किसी रोग की वजह से है इसका पता एक्सरे के द्वारा लगाया जा सकता है।
  • सिटी स्कैन और एमआरआई जैसे कुछ अन्य टेस्ट भी (Pain Physician)दर्द चिकित्सक डॉक्टर आपको करवाने के लिए कह सकते हैं जिनकी मदद से नरम उत्तको या नसों की किसी भी प्रकार की चोट या सूजन के कारण का पता लगाया जाता है।
  • यदि मोच और दर्द सामान्य होता है तो दर्द चिकित्सक डॉक्टर हाथ से छू कर ही परीक्षण करके आपको दवाइयों का सेवन करने के लिए कह सकते हैं।

गर्दन में मोच का उपचार -

  • गर्दन में मोच आने पर जल्द से जल्द बर्फ से सिकाई करें। ऐसा करने से आपकी गर्दन की सूजन कम हो सकती है।
  • गर्दन में मोच आने पर डॉक्टर आपको नेक ब्रेस( गर्दन में लगाया जाने वाला पट्टा) का उपयोग करने के लिए मना करते हैं। गर्दन को सामान्य रूप से गतिशील रखना विप्लेश का इलाज करने में मदद कर सकता है।
  • मोच की वजह से गर्दन में होने वाले दर्द के लिए डॉक्टर आपको कुछ दर्द निवारक दवाएं लेने की सलाह दे सकते हैं जैसे कि पेरासिटामोल इबुप्रोफेन।
  • फिजियोथेरेपी और स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज को भी विप्लेश  के इलाज में लाभकारी माना जाता है।

JPRC न्यूरो स्पाइन क्लिनिक पर उपलब्ध है विप्लेश  की परेशानियों के लिए नई तकनीकी सुविधाएं -

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  • इस तकनीक का उपयोग करने के बाद दर्द तुरंत ही खत्म हो जाता है।

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