Back Pain ( पीठ दर्द )
पीठ दर्द : कारण, वर्गीकरण,लक्षण व उपचार
पीठ दर्द आम तौर पर गलत तरीके से सोने, झुकने व बैठने से होने वाली समस्या है। साधारणतया यह दर्द 35-40 की उम्र के बाद देखने को मिलता है परन्तु कई बार युवा भी इस दर्द से पीडित देखे गये हैं।
हाँलांकि यह दर्द एक से दो सप्ताह में सही हो जाता है तथा कई बार सर्जरी तक की नौबत आ जाती है।
पीठ के दर्द के कारण :-
पीठ के दर्द के अनेक कारण हो सकतें हैं जिनमें से कुछ प्रमुख कारण इस प्रकार हैं:-
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गलत तरीके से बैठना, गलत तरीके से सोना व अधिक समय तक कुर्सी पर बैठना साधारण पीठ दर्द के कारण हो सकते हैं।
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तनाव भी दर्द का कारण हो सकता है। तनाव से शरीर की माँसपेशियों में अकढन होती है जो कि दर्द का कारण बनती है।
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रीढ की हड्डी को छोटे मोटे झटके से सुरक्षित रखने का काम हड्डी को चारों ओर से घेरी हुई डिस्क का होता है। समय के साथ धीरे-धीरे ये डिस्क फ्लेट होती जाती है और दर्द की समस्या बड़ती जाती है।
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पीठ के दर्द के गम्भीर कारण भी हो सकतें हैं। यह किसी गम्भीर बीमारी के आगमन का संकेत भी हो सकता है, जैसै कि - पैंक्रियायाइटिस, अल्सर और किड़नी में इन्फेक्शन तथा आस्टियोमायलाइटिस और कैंसर जैसी बिमारियों के चलते भी पीठ मे दर्द की समस्या देखी जाती है।
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प्रेगनेन्ट महिलाओं में भी पीठ के निचले हिस्से का दर्द एक आम समस्या है।
पीठ के दर्द का वर्गीकरण:-
पीठ के दर्द को सामान्य रूप से निम्न भगों में वर्गीकृत किया जा सकता है:-
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गर्दन के दर्द
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पीठ के ऊपरी हिस्से के दर्द
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पीठ के नीचले हिस्से के दर्द
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टेलबोन के दर्द।
पीठ के दर्द के लक्षण:-
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पीठ के निचले हिस्से में हल्का हल्का दर्द होना
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झुकने में दर्द होना, आदि इसके सामान्य लक्षण हैं ।
आम तौर पर पीठ का दर्द 1-2 सप्ताह में घरेलू इलाज से सही हो जाता है परन्तु यदि दर्द के सामान्य लक्षणों के साथ साथ वजन का घटना, बुखार, पीठ में सूजन, घुटनों के निचले हिस्से में दर्द, लघुशंका के दौरन दर्द, शौच पर नियंत्रण समाप्त होने जैसे लक्षण हों तो तुरन्त डॉक्टर से परामर्श लिया जाना चाहिये।
पीठ के दर्द का पता कैसे लगायें:-
पीठ के दर्द का पता लगाने के लिये आम तौर पर निम्न विधियों का पता लगाया जाता है:-
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सी.टी. स्केन,
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ब्लड टेस्ट
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बोन टेस्ट
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माँसपेशियों की जाँच कराना
ध्यान देने योग्य बातें:- जो व्यक्ति पीठ दर्द से पीड़ित है ध्यान रखना चाहिये कि वह ज्यादा समय तक एक जगह पर ना बैठा रहे, स्मोकिंग ना करे व अपने वजन को नियंत्रण में रखे।
पीठ दर्द का उपचार:-
यदि पीठ दर्द अपनी प्रारंभिक स्थिति में है तो पैनकिलर व एन्टीइन्फ्लेमेटरी दवाओं तथा दर्द के स्थान पर क्रीम व स्प्रै लगाकर और होट वाटर बैग से सिकाई करके दर्द से तुरन्त राहत पायी जा सकती है।
इनके अलावा योगाभ्यास; सोने, उठने, बैठने व झुकने के दौरान सही स्थिति का ध्यान रखना, तनाव मुक्त रहना आदि दर्द से हमेशा के लिये छूटकारा दिला सकता है।
ज्यादातर स्थितियों में यह दर्द 1-2 सप्ताह तक रहता है और स्वयं ही ठीक हो जाता हाे जाता है। ऐसा ना होने की स्थिती में व दर्द में लगातार वृध्दि की स्थिती में डॉक्टर से सलाह ली जानी आवश्यक है।
हालत गम्भीर होने पर कोर्टीसोन इंजेक्शन का सहारा लिया जाता है। यदि हालत और अधिक खराब हो तो अंत मे सर्जरी ही एकमात्र /विकल्प रह जाती है।