shoulder pain Description In Hindi

13
Apr

shoulder pain Description In Hindi

कंधा शरीर का एक ऐसा होता है जिससे कि हमारे हाथ और पीठ जुड़े होते हैं। अगर कंधे में किसी तरह की समस्या होती है तब हमारे हाथों और पीठ में भी समस्या होने लगती है। कंधे में दर्द के कारण कंधे के जोड़, गर्दन और बायसेप्स के आसपास तकलीफ महसूस होती है। इस दर्द के कारण बाहों को हिलाने डुलाने में भी परेशानी महसूस होती है। कंधे का दर्द थोड़े समय के लिए भी हो सकता है लेकिन कभी-कभी यह दर्द लंबे समय तक भी रहता है। कंधे की मांसपेशियों में खिंचाव और तनाव महसूस होता है। जिसकी वजह से कंधे दर्द करने लगते है। कंधे में दर्द खेलकूद की वजह से या किसी चोट की वजह से उठ सकता है। इसकी वजह से गर्दन से लेकर पीठ तक में दर्द हो सकता है।

लक्षण

 

  • बाहों को हिलाने डुलाने में तकलीफ होना।
  • पीठ के ऊपरी हिस्से में अकड़न होना।
  • कंधे की हड्डी के आसपास सूजन होना।
  • कंधे की मांसपेशियों में दर्द महसूस होना।
  • कंधे की मांसपेशियों में खिंचाव व तनाव होना।
  • लेटने और उठने पर कंधे की मांसपेशियों में दर्द होना।
  • वजन उठाने में दर्द महसूस करना।
  • सोने में समस्या और बेचैनी महसूस करना।

कारण

 

  • कंधे के जोड़ का उखड़ जाना।
  • अत्यधिक खिंचाव के कारण तनाव होना।
  • कंधे का अकड़ जाना या नसों का दबना।
  • बहुत अधिक उपयोग होने से सूजन होना।
  • काॅलर या ऊपरी बांह की हड्डी का टूट जाना।
  • उम्र बढ़ने और प्राकृतिक टूट फुट के कारण वाला गठिया।
  • खेलकूद की वजह से लगी चोट।
  • गलत तरीके से वजन को उठा लेना।

 

इलाज

 

  • कंधे के दर्द के इलाज के लिए किसी एक्सपर्ट पेन फिजिशियन को दिखाना चाहिए।
  • एक एक्सपीरियंस पेन फिजीशियन दर्द की जड़ तक जाता है और सटीक इलाज करता है।
  • पेन फिजिशियन द्वारा मरीज को दर्द से हमेशा के लिए राहत दी जाती है।
  • मिनिमली इनवेसिव तकनीक द्वारा इलाज किया जाता है।
  • यह एक ऐसी तकनीक है जिसमें बिना किसी चीज फाड़ के मरीज को दर्द से राहत दिलाई जाती है।
  • इस तकनीक में रक्त स्त्राव ना के बराबर होता है।
  • मरीज इसको एक दिन में ही अस्पताल से छुट्टी दे दी जाती है।